शादी का प्रमाण-पत्र
(Marriage Certificate) एक कानूनी प्रमाण है की आप विवाहित हैं और विवाह का महत्वपूर्ण
दस्तावेज है. यह
बहुत से कार्य में उपयोगो होता है और सामाजिक सुरक्षा प्रदान करता है. जैसे, जॉइंट
बैंक अकाउंट खोलने में इसकी जरुरत पडती है, अगर आप अपने साथी
के साथ विदेश यात्रा कर रहे हैं, तो यह एक कानूनी दस्तावेज है जो आपको वीसा
आवेदन करने में मदद करेगा.
बिहार में विवाह, हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 या विशेष
विवाह अधिनियम, 1954 के तहत रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है. विवाह
रजिस्ट्रार इसे बिहार राज्य सरकार की मुहर के तहत जारी करता है. बिहार में शादी
प्रमाण पत्र
(Marriage Certificate) के लिए आवेदन की ऑनलाइन
प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी है,
इसलिए पूरी प्रक्रिया ऑफ़लाइन है. यहाँ आपकी मदद के लिए, पूरी प्रक्रिया की जानकारी दी गई हैं.
क्या है मैरिज सर्टिफिकेट (What is Marriage Certificate)
मैरिज सर्टिफिकेट
(Marriage Certificate) आधिकारिक स्टेटमेंट हैं,
जिसके
तहत दो लोग शादीशुदा माने जाते हैं.
देश में शादी को हिंदू मैरिज एक्ट 1955 और स्पेशलमैरिज एक्ट 1954 के
तहत रजिस्टर किया जाता है. ये
कानूनी तौर पर प्रूफ करता है कि आप शादीशुदा हैं.
विवाह प्रमाण पत्र का उद्देश्य (Purpose of marriage
certificate)
निम्नलिखित उद्देश्यों के लिए विवाह पंजीकृत होना चाहिए:
बाल विवाह को रोकने के लिए.
विधवाओं को विरासत का दावा करने के लिए.
वीसा आवेदन, यात्रा करने के लिए.
पति / पत्नी की मृत्यु के मामले में, बैंक जमा और जीवन
बीमा का दावा करने के लिए.
मैरिज सर्टिफिकेट के लिए पात्रता मापदंड (Eligibility Criteria for
Marriage Certificate)
बिहार में, शादी प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए, निम्नलिखित
मानदंडों को पूरा किया जाना चाहिए:
1 शादी के एक महीने के बाद दुल्हन और दुल्हन आवेदन कर सकते हैं.
2 दूल्हा 21 साल का होना चाहिए, और दुल्हन 18 वर्ष का होना
चाहिए.
3 दूल्हे और दुल्हन को उस जिले में कम से कम एक महीने तक रहना चाहिए
जहां विवाह पंजीकृत होना है.
सुप्रीम कोर्ट ने मैरिज सर्टिफिकेट किया अनिवार्य
साल 2006 में सुप्रीम कोर्ट ने शादी को रजिस्टर करना अनिवार्य बना दिया है. सुप्रीम कोर्ट
ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए हिंदू एक्ट में मैरिज रजिस्ट्रेशन जरूरी कर दिया है.
आवश्यक दस्तावेज़: (Documents Required for Marriage Certificate)
आवेदन करने वाले फॉर्म को दिशा-निर्देश के साथ पूरा भरें और पति-पत्नी;
दोनों
के हस्ताक्षर हों
पता का प्रमाण: वोटरआईडी/राशनकार्ड/पासपोर्ट, ड्राईविंग
लाईसेंस
जन्मतिथि प्रमाण: जन्मतिथि प्रमाण के लिए पति-पत्नी के दस्तावेज़
दो पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ
एक शादी का फोटोग्राफ
पति-पत्नी की ओर से निर्धारित प्रारूप में अलग विवाह ह़लफनामा
आधार कार्ड
सभी दस्तावेज़, स्व:प्रमाणित होने चाहिए
शादी का बुलावा कार्ड
गवाह (Witness
for Marriage Certificate)
जो भी व्यक्ति, शादी के दौरान मौजूद होता है, वहीं
ग़वाह बन जाता है. उस
व्यक्ति के पास उसका पैन कार्ड और निवास प्रमाणपत्र होना चाहिए.
विवाह पंजीकरण के लिए लागू शुल्क (Applicable fees for marriage
registration)
आवेदक को हिंदू विवाह अधिनियम के तहत शादी के पंजीकरण के लिए 100
रुपये
का शुल्क देना होता है, और विशेष विवाह अधिनियम के मामले में आवेदक से पंजीकरण के लिए 150
/- रुपये
का शुल्क लिया जाएगा.
बिहार में विवाह प्रमाणपत्र प्राप्त करने के लिए आवेदक को नीचे दी गई
प्रक्रिया का पालन करना होगा. (Marriage certificate kaise banaye in hindi)
- सबसे पहले आप अपने शहर के जिस एरिया में रहते हैं वहां के
सब-रजिस्टार ऑफिस जाकर वहां से शादी के सार्टिफिकेट भरने वाला फार्म प्राप्त करें. या फिर आप यहाँ
से भी डाउनलोड कर सकते है. फॉर्म डाउनलोड (marriage certificate bihar pdf in hindi) करने
के लिए यहाँ क्लीक करे.
- फिर फार्म को बहुत सावधानी से भरिये और पूछे गयीं बातों का सही-सही
जवाब दीजिये.
- अगर शादी के बाद लड़की का सरनेम या नाम चेंज हो गया है तो आप फार्म
में नया वाला नाम या सरनेम भरें ना कि पुराना वाला.
- आपको फार्म पर साइन कराने के लिेए तीन गवाहों के हस्ताक्षर की जरूरत होगी. जो कि आपके दोस्त और रिश्तेदार हो सकते हैं.
- गवाहों के साइन के साथ आपको गवाहों का विवरण भी भरना होगा जैसे कि वो आपके कौन हैं, कहां रहते हैं, क्या करते हैं और उनका फोन नंबर क्या है?
- फार्म में पति-पत्नी दोनों के हस्ताक्षर की भी जरूरत होती है. जानिए फोन के जरिये कैसे बुक करें गैस सिलेंडर?
- इस फार्म के साथ आप अपनी शादी की फोटॉग्राफ, इनविटेशन कार्ड, अपनी और अपनी पत्नी का एज सर्टिफिकेट, रेजिडंस प्रूफ (बीवी का भी, जो शादी से पहले का हो) को सब रजिस्टार ऑफिस में जमा कर दें.
- इसके बाद रजिस्टार ऑफिस आपके सारी डिटेल्स चेक करेगा और सही पाये जाने पर उस पर साइन करेगा और रजिस्टार ऑफिस की मोहर लगायेगा और इसका प्रिंट आउट निकलवायेगा.
- ओरिजनल रिकार्ड वर-वधू को दे देगा और प्रिंट आउट को रजिस्टार ऑफिस के रिकार्ड होने के लिए रख लेगा.
- एक बार मैरज सार्टिफिकेट बन जाने पर आपकी सारी मुश्किलें आसान हो जायेंगी, क्योंकि आजकल पासपोर्ट या प्रापर्टी डील जैसी चीजें करते वक्त भी मैरज सार्टिफिकेट मांगा जाता है.
- नोट-आवेदन सत्यापित होने के बाद, आपको आवेदन की तारीख से 21 कार्य दिवस के भीतर शादी प्रमाणपत्र प्राप्त होगा.
तत्काल विवाह प्रमाणपत्र (Immediate
Marriage Certificate)
अप्रैल 2014 में, दिल्ली सरकार के राजस्व विभाग ने विवाह में
तत्काल सेवा को शुरू किया, जिसके अंतर्गत, एक दिन के भीतर
ही विवाह की समस्त प्रक्रिया को पूरा कर दिया जाएगा. तत्काल विवाह
को प्राथमिकता के तौर पर करवाया जाएगा। यह सेवा 22 अप्रैल,
2014 से
लागू हो गई थी। इस विवाह की राशि, 10000 रूपए होती है. जिसे जमा करने के बाद, कानूनी रूप से विवाह हो जाता है और प्रमाणपत्र
भी जारी कर दिया जाता है.
विवाह प्रमाणपत्र के लाभ (Benefits of marriage certificate)
अगर आप शादी के बाद पासपोर्ट या बैंक में खाता खुलवाने के लिए आवेदन
करते हैं तो आपको विवाह प्रमाणपत्र देने की आवश्यकता पड़ती है. ऐसे में
पति-पत्न्ी; दोनों के लिए विवाह प्रमाणपत्र आवश्यक हो जाता है.भारत के बाहर कई
देशों में पारंपरिक शादियों को नहीं माना जाता है, ऐसे में वहां विवाह
प्रमाणपत्र आवश्यक होता है. कई
बार, जीवनसाथी के नॉमिनी के रूप में नाम न होने पर जीवन बीमा या बैंक में
जमा राशि का क्लेम करने के लिए भी इसका होना अनिवार्य होता है. हिंदू विवाह
अधिनियम के तहत, विवाह प्रमाणपत्र की फीस, 100/- रूपए और विशेष
विवाह प्रमाणपत्र के तहत, फीस 150/- रूपए होती है,
जिसे
जिले के कैशियर को जमा किया जाता है और आवेदन पत्र के साथ इसकी रसीद को लगा दिया
जाता है.
उम्मीद करते है हमने जो भी जानकारी आपके साथ साझा किया है उससे आप
पूरी तरह संतुष्टठ होंगे. फिर भी आपको ऐसा लगता है की नहीं मेरा कुछ सवाल है जो मै
आप से पूछना चाहते है तो, निचे दिए गए कमेंट सेक्शन में कमेंट करके पूछ सकते है, रिप्लाई
करने की कोशिश की जाएगी.
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